
Laxmi Devi's story
~Patient's daughter speaking
इसके बारे में कब पता चला?
करीब छह महीने पहले।
कैसे पता चला था?
गायनेकोलॉजिस्ट को दिखाया था। उन्होंने सोनोग्राफी लिखी थी, तो सोनोग्राफी करवाई। उसमें कुछ लक्षण दिखे, तो उन्होंने आगे एक और जांच करवाने को कहा। फिर उस जांच से पता चला कि कैंसर है — चौथे स्टेज का। फिर हमने डॉ. नरेंद्र राठौड़ से संपर्क किया; उन्होंने हमें काफी मोटिवेट किया। यहाँ चार कीमोथेरेपी हुईं, फिर जब दोबारा जांच करवाई तो पता चला कि कैंसर खत्म हो गया है। उसके बाद कई बार रेडियोथेरेपी भी हुई। अब समस्या सुलझ गई है।
इलाज के पैसे कौन देता है?
मेरे पिताजी सरकारी कर्मचारी थे, तो हम RGHS योजना से इलाज करवा रहे हैं।
जब आपको पता चला कि कैंसर है, तो आपको और परिवार को कैसा महसूस हुआ था?
उस समय हमें लगा कि यह एक भयानक बीमारी है, और मेरी मां को भी थोड़ी घबराहट हुई... लेकिन इसका कोई उपाय तो था नहीं। बस इलाज करवाना था — हो सकता है ठीक हो जाए, हो सकता है नहीं भी। डॉक्टर साहब ने हमें बहुत प्रेरित किया, तो हम सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े।
और जिन लोगों को अभी कैंसर डायग्नोज़ हुआ है, आप उन्हें कोई सलाह देना चाहेंगे?
ये तो बस एक बीमारी है, इससे डरना नहीं चाहिए। डॉक्टर जो कहें, वही इलाज करवाना चाहिए, जो चीजें परहेज़ करने को कहें वो मानें, और अच्छा खाना खाएं। डाइट अच्छी हो तो जल्दी ठीक हो जाता है।