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हमारे बारे में

​मैं शौर्य व्यास बोल रहा हूँ और फोटो में साथ में है मेरी माँ शालू मालानी.​

 

दिसंबर 2022 में मम्मी की biopsy तथा अन्य जांच हुई थी. जनवरी 2023 में जब biopsy के रिजल्ट आये तो पता चला की कैंसर है.​

 

पता चलने पर हमने मेरी मौसी को बुलाने की सोची, क्योंकि हम रहते है अमेरिका में, पर VISA के चक्कर में किसी का भी इंडिया से आना नामुमकिन था. इसीलिए मम्मी तुरंत ही इंडिया चली गयी ताकि ट्रीटमेंट के लिए परिवार के साथ हो सके. मैं और मेरे पापा को अमेरिका में ही रहना पड़ा डेढ़ महीने की लिए और सब समेटा करना पड़ा. हमने सारा सामन storage में डाला, और स्कूल भी छोड़नी पड़ी (मैं उस समे आठवीं कक्षा में था). हमें पता नहीं था की हम कब वापस आएंगे, इसीलिए सब चीज़ का इंतजाम करना पड़ा जाने से पहले.

फिर हम फरवरी-अंत में इंडिया चले गए. मम्मी का ट्रीटमेंट शुरू ही हो गया था. उन्होंने पहले उदयपुर के RNT Hospital में डॉक्टर नरेंद्र राठौर [Radiation Oncologist] से राय ली थी। उसके अनुसार फिर उन्होंने HCG कैंसर सेंटर, अहमदाबाद में डॉक्टर डी. जी. विजय [Surgical Oncologist] से सर्जरी करवाई थी, और फिर गीतांजलि हॉस्पिटल, उदयपुर में डॉक्टर अंकित अग्रवाल [Medical Oncologist] से कीमो ली थी. मेरी मौसी और ये डॉक्टर मेरी माँ के "रक्षक" थे, और हम उन्हें पाकर बहुत भाग्यशाली हैं. इलाज के दौरान, घर में हम सब लोग मम्मी की किसी-न-किसी चीज़ में मदद करते थे. मुश्किल समय था, पर पापा के ऑफिस वालों के, मेरे स्कूल वालों के, और सभी परिवार वालों और दोस्तों के सहयोग से हम आगे निकल पाए. हांलाकि सबसे बड़ी बात तो मेरी माँ की ताकत, दृढ़ संकल्प, और इच्छा-शक्ति थी. उससे ही वह कैंसर से लड़के जीत पाई

 

हम जुलाई 2023 में वापस अमेरिका आ गए थे -- स्कूल की शुरुआत से थोड़ा ही पेहले. अब थेरेपी को ख़त्म हुए एक साल हो गया है; रिकवरी सही चल रही है.

 

हमारी सोच है की हम इस वेबसाइट से दुसरे लोगो की मदद कर सके ताकि वह भी कैंसर से आगे निकल पाए.

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